5 Essential Elements For Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana



डर हमारे अंदर मौजूद एक अवरोधक गुण (कारक) है जो हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचने या वह करने से रोकता हैं जो हम करना चाहते हैं। डर (भय) हमें मार्ग से भटकाने और बहाने बनाने के लिए मजबूर करता है। यह सीखना की डर को कैसे दूर करें, स्वयं को मानसिक रूप से स्वतंत्र करने का अहम कदम है

यदि मांसपेशियां तनावग्रस्त महसूस करते हैं, तो उन्हें खास ध्यान देकर रिलैक्स करें। एक तरीका यह है कि अपने शरीर की सभी मांसपेशियों को तीन सेकंड के लिए कस लें, फिर उन्हें रिलैक्स करें। पूरे शरीर में तनाव को दूर करने के लिए ऐसा दो या तीन बार करें।

तो इसके लिए हमें अपने आपमें कुछ बदलाव करने होंगे. हमारे रहन सहन और दिनचर्या और आदतों पर पर ध्यान देना होगा और कुछ नए फैसले लेने होंगे.

हालांकि अपने डर को कम करना और इस पर जीत पाना एक स्किल है जिसे कोई भी सीख सकता है लेकिन समस्या यह है कि ज्यादातर लोग अपने डर को अपने अंदर बिठा लेते हैं, क्योंकि वो मानने लगते हैं कि यह उनका ही एक हिस्सा है। अगर आप अपने डर का सामना करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो आप इसे दूर भी नहीं कर पाएंगे और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हम जानते हैं हर चीज में समय लगता है।

आप कानून से डर सकते हैं लेकिन समाज में आप डर के साथ काम नहीं कर सकते हैं। डर कैसा भी हो सकता है जैसे अधिकारी का डर, अपनों से बड़ों का डर, प्रिय व्यक्ति को खो देने का डर, नौकरी चले जाने का डर या फिर उत्पीड़न का डर। सच्चाई यही है कि मन से डर को कैसे निकालें, यह बात हमें कोई सिखाता ही नहीं है। और जब तक यह डर मन से नहीं निकलता हम कोई भी काम कर पाने में असमर्थ होते हैं। जीवन में डर भोजन में नमक जितना ही अच्छा है। इस लेख में हम मन के डर को कैसे दूर करें इसके रहस्यों के बारे में जानेगें।

तो ज़िन्दगी में लोग आते जाते हैं, चीज़ें आती जाती रहती हैं और सुख दुःख आता जाता रहता है. कोई हमेशा किसी के पास सदा के लिए टिके रहता है क्या?

अक्सर हमारा डर समाज की अपेक्षाओं और जजमेंट से जुड़ा होता है। “लोग क्या कहेंगे?” इस एक सवाल ने हजारों सपने रोक दिए।

डर एक ऐसी चीज है जिसे जितना पाले, पनाह देंगे, हमें उतना ही अपने चुंगल में समेटने लगता हैं। वक्त रहते यदि इस डर का इलाज नहीं किया जाए तो व्यक्ति धीरे-धीरे लेकिन बहुत छोटी छोटी बातों से भी घबरा कर चिंतित परेशान रहने लगता है, जैसे किसी बहुत बड़ी समस्या ने उसे घेर लिया है।

वहीं यदि ये विश्वास रखें, आप उन चीजों या परिणामों में विश्वास नहीं रखते जो आपने देखी न हों या घटित नहीं हुईं हैं, ऐसी स्थिति मन से डर को पूर्णतः निकाल देता हैं।

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डरना कोई बीमारी, अभिशाप या मानसिक रोग नहीं हैं, यकीनन जिस तरह आज लोग डर के विषय में अपनी अवधारणाएं बनाए हैं यदि कोई व्यक्ति बहुत जल्दी डर जाता है तो उसे कमजोर निर्बल जैसी भावनाओं से देखा जाता है मगर वास्तव में डर लगना हमारे लिए फायदेमंद और जरूरी होता है

अधिकतर लोग जीवन में हार के डर से बहुत से काम नहीं कर पाते हैं। सबसे पहले आपको इस बात को समझना होगा कि हर बार होने वाली हार आपको नया एक्सपीरिएंस देकर जाती है। हार की बदौलत आप कुछ नया सीख पाते हैं। जो आगे बढ़ने में आपकी मदद करता है। हार और जीत सिक्के के वो दो पहलू है, जो आपकी लाइफ को बैंलेंस करते हैं।अगर आप हर बार जीतेंगे, तो जीत को स्वाद और हार का सबक दोनों से ही वंचित रह जाएंगे।

अपने डर Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana और भावनाओं को लिखना एक शानदार तरीका है उन्हें बाहर लाने का।

हर बार जब आप कोई छोटा कदम लेते हैं, डर थोड़ा कम हो जाता है।

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